Tuesday, December 7, 2021

अनिवार्य टीकाकरण और जबरदस्ती के विरोध में आजाद मैदान में भारी संख्या में लोगों का विरोध प्रदर्शन !

 

NILESH OJHA, Advocate High court & supreme court

मुंबई, गत दिनों मुंबई के आज़ाद मैदान में भारी संख्या में लोगों ने अनिवार्य टीकाकरण और जबरदस्ती, बच्चों के टीके, विनाशकारी लॉकडाउन लागू करना, भेदभावपूर्ण यात्रा, सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिबंध, बढ़ती बेरोजगारी, मुद्रास्फीति और गरीबी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर जन-आंदोलन और विरोध प्रदर्शन किया।  

एड. नीलेश ओझा सहित अधिवक्ता दीपाली ओझा, फिरोज मिठिबोरवाला, योहान तेंगरा, अंबर कोईरी, प्रकाश पवारे, मदन दुबे, डॉ. देवेंद्र बलहारा, और निशा कोईरी ने अपने अपने विचार रखे। 

लोगों ने विरोध के कारणों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए भाग लिया, अर्थात् वैक्सीन जनादेश, लॉकडाउन, मुखौटा जनादेश, परीक्षण जनादेश और नेचुरल इम्युनिटी के विज्ञान को नकारने जैसे गंभीर मुद्दों को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। 

प्रदर्शनकारी इस मामले को लेकर दुनिया भर के 150 से अधिक शहरों में शामिल हुए और ये वैज्ञानिक भ्रष्टाचार और चिकित्सा धोखाधड़ी के खिलाफ भी डटकर खड़े हैं। 

अहमदाबाद, कोलकाता, मेघालय, बैंगलोर और गुड़गांव जैसे भारत के विभिन्न शहरों के लोगों ने भी इसका विरोध किया है। अब पूरी दुनिया में लोगों ने जाति, संस्कृति, धर्म, विचारधारा आदि की नकली खामियों को नीचे रखना शुरू कर दिया है। 

इस विरोध प्रदर्शन में एडवोकेट नीलेश ओझा सहित सभी वक्ताओं ने ये बताने की कोशिश की कि दुनिया के लोगों ने यह महसूस करना शुरू कर दिया है कि एक वैश्विक षड्यंत्रकारी वर्ग है जिसने राष्ट्रीय सरकारों, केंद्रीय बैंकों और अंतरराष्ट्रीय निगमों और विभागों का अपहरण कर लिया है। 

और कुछ मुट्ठी भर लोग लोगों के मौलिक अधिकारों को समाप्त करने, लोगों को आर्थिक रूप से कमजोर करने, सामान्य आबादी की संपत्ति को अभिजात वर्ग को हस्तांतरित करने और हमें आजीवन सदा की गुलामी में फंसाने के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं।

प्रदर्शनकारियों ने मानवता को बचाने के लिए मांग करते हुए कहा कि सरकार अत्याचार और धोखाधड़ी से जबरदस्ती वैक्सीन देने की बात कर रही है वो तुरंत समाप्त करे। इंसांनों का मुखौटा पहने इन अपराधियों ने सामान्य जीवन को नष्ट कर दिया है, ये नहीं चलेगा। 

प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि हमने न केवल जागरूकता और सामूहिक लामबंदी के मामले में काम किया है, बल्कि हमारे पास बड़ी कानूनी हस्तियां और दिग्गज भी हैं जो हमारे शोध को लेकर कानूनी कार्रवाई करने में हमारी मदद कर रहे है।  

इन हस्तियों में शामिल हैं वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण, कॉलिन गोंजाल्विस, नीलेश ओझा और दीपाली ओझा। जबकि एडवोकेट प्रशांत भूषण का वैक्सीन जनादेश के खिलाफ वाला मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है।  

गौरतलब हो कि एडवोकेट कॉलिन गोंजाल्विस टीम को उत्तर पूर्व में उच्च न्यायालयों से उनके पक्ष में कई आदेश मिले हैं। और अधिवक्ता नीलेश और दीपाली ओझा का मामला वैक्सीन जनादेश के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में दूसरी सुनवाई के लिए आ रहा है, और भारी संख्या में आन्दोलनकर्ता उनके साथ काम कर रहे हैं। 

उल्लेखनीय है कि मास्क मैंडेट्स, छदम विज्ञान, आरटीपीसीआर टेस्ट और टीका के अवैज्ञानिक तर्क और अनिवार्य उपयोग के खिलाफ कई मामले दर्ज करने के लिए, टीम गठित कर उस पर काम किया जा रहा है। ऐसी जानकारी अवेकिंग इंडिया मूवमेंट ने दी है । 

प्रदर्शनकारियों ने देश के सभी नागरिकों से इन मुद्दों को लेकर अपराधियों के खिलाफ लड़ने के लिए और उनके साथ शामिल होने का आग्रह किया है और मीडिया से भी आग्रह किया कि मीडिया देश के लोगों तक संदेश पहुंचाने में उनकी मदद करें। 

उन्होंने आगे बताया कि जिन लोगों ने आज टीके ले लिए हैं और यदि वे बूस्टर नहीं लेना चाहते हैं तो वे भविष्य में एंटीवैक्सेर हो जाएंगे। और आज लोगों ने आवाज़ नहीं उठायी तो लोग अपनी स्वतंत्रता और व्यापार करने की आज़ादी दोनों को खो देंगे।

- ONI
DIPALI OJHA, Advocate High court

AMBAR KOIRI, Social Worker 

COLIN GONSALVES, Senior Advocate

FEROZE MITHIBORWALA, Social Worker 

GOVIND BHAGAT, Social Worker


MADAN DUBEY of Swadeshi Bharat Andolan 

NISHA KOIRI, “AIM”-National Steering Committee member 

PRAKASH PAWARE, Social Worker

PRASHANT BHUSHAN, Senior Advocate

r. SOUMYA SWAMINATHAN, Chief Scientist W.H.O.

YOHAN TENGRA, “AIM”- Awaken India Movement



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